अनोखा मंदिर, जहां JCB मशीन से बनता है चूरमा-हलवा !

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रघुनाथ मंदिर में सात दिवसीय सनातन धर्म महा समागम:- आपने कई बार मंदिरों या तीर्थ स्थलो पर होने वाले कई बड़े बड़े भंडारे देखे होंगे। इन भंडारो में काफी मात्रा में प्रसाद बनाया जाता है। हलवा से लेकर खीर पुड़ी तक इन भंडारो में बनाई व बाटी जाती है। इन दिनो भिंड के खनेता स्थित विजय राम धाम स्थित रघुनाथ मंदिर में सात दिवसीय सनातन धर्म महा समागम में चल रही है। जहां जेसीबी और मिक्सर जैसी बड़ी मशीनों का इस्तेमाल किसी निर्माण के लिए नहीं बल्कि लाखों भक्तों के लिये प्रसाद  तथा खाना बनाने में उपयोग हो रहा है।यहां लोग लाखों की तदात में पंहुच रहे है। जिसके लिए अब यह भव्य भंडारा लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। 

भंडारे मे मशीनों से बनाए जा रहे हैं भक्तों के लिए प्रसाद !

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दरअसल, भिंड जिले के खनेता गांव स्थित विजय राम धाम रघुनाथ मंदिर पर चल रहे सनातन धर्म महासम्मेलन कार्यक्रम में जहां एक ओर देश के चारों मठों के पीठाधीश्वर शंकराचार्य और देश के कोने-कोने से सनातन धर्म के प्रकांड विद्वान पहुंचकर सनातन धर्म के गूढ़ रहस्यों से धर्म प्रेमियों को परिचित करवा रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर प्रतिदिन एक लाख से अधिक धर्म प्रेमी लोग पहुंच रहे हैं। उनके लिए भंडारा प्रसादी बनाने के लिए बड़ी-बड़ी मशीनों का उपयोग हो रहा है, जिनको देखकर लोग दांतों तले उंगली दबा रहे है। यहां सब्जी बनाने के लिए बड़े-बड़े कड़ाहे मंगाए गए हैं, तो उन्हीं कड़ाहों में से सब्जी और खीर निकालने के लिए जेसीबी मशीन का उपयोग किया जा रहा है। 

100 बीघा से अधिक जमीन और 500 हलवाई कर रहे कार्य !

Bhandara

खीर बनाने के लिए प्रतिदिन सात हजार लीटर दूध से भरा हुआ टैंकर पहुंच रहा है, तो वहीं मालपुआ का घोल बनाने के लिए मिक्सर मशीन का उपयोग किया जा रहा है। वहीं पूड़ी बनाने के लिए आटा गूंदने की एक बड़ी मशीन बुलाई गई है। सभी सामानों को भरने के लिए 50 से अधिक ट्रैक्टर ट्रॉली लगाए गए हैं, जिनमें भरकर सामान रसोई घर से पंगत के सेक्टरों तक पहुंचाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए 100 बीघा से अधिक जमीन का उपयोग किया गया है, तो वहीं खाना बनाने के लिए 500 से अधिक हलवाई लगातार कार्य कर रहे हैं। 40 से अधिक भट्टियों पर पूड़ी, मालपुआ, खीर, बूंदी और सब्जी बनाई जा रही है। धर्म प्रेमी श्रद्धालुओं को भोजन खिलाने के लिए भोजन शाला में 7 सेक्टरों का निर्माण किया गया है, जिसमें महिलाएं और पुरुष अलग-अलग बैठकर भोजन प्रसादी ग्रहण करते है। इसके लिए प्रत्येक सेक्टर में 2 सैकड़ा से अधिक सेवक भोजन प्रसादी परोसने का लगातार कार्य कर रहे हैं।

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