पृथ्वी के एकदम पास से गुजरी 30 फिट लंबी एस्टेरॉयड:- इस पृथ्वी के ऊपर कई ऐसे खगोलिय पिंड मौजूद है जो अपनी अंतराली समय पर चलती रहती है। लेकिन इसमें हैरानी तो तब हो जाती है जब अंतरिक्ष से कोई बड़ी आफत हमारी तरफ, यानी पृथ्वी के दिशा कि ओर तेजी से बढ़ रही होती है। दरअसल, अंतरिक्ष में कई ऐसे एस्टेराॅयड मौजूद है जो अपने अंतराल सिमा से नीचे आते रहते है और जब येही एस्टेराॅयड हमारी पृथ्वी के नजदीक पंहुच जाती है तो हमारे वैज्ञानिक उसे अंतरिक्ष में ही नष्ट करने का प्रयास करते है। ताकि पृथ्वी पर कोई बड़ा हादसा ना हो। लेकिन ये सब मैं आपको इसलिए बता रहा हूँ क्योंकि हाल ही में हमारी धरती एक बड़े हादसे से बच गई है। जी हां आपने सही सुना दरअसल, 26 जनवरी 2023 की रात ट्रक के आकार का एक एस्टेरॉयड हमारी जमीन से मात्र 3540 किलोमीटर दूर से निकला है।
एस्टेरॉयड के टकराने से बाल बाल बची पृथ्वी !
लेकिन हैरानी की बात ये थी कि इसके आने की खबर किसी वैज्ञानिक संस्थान, दूरबीन या रेडियो टेलिस्कोप को नहीं मिली थी। इस एस्टेरॉयड की लंबाई करीब 30 फीट है। इसका नाम 2023 BU है। नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी ने कहा कि यह एस्टेरॉयड धरती से टकराया नहीं लेकिन इतनी नजदीक से गुजरना खतरे की बात है। यह एस्टेरॉयड जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट की ऑर्बिट में से निकला है। लेकिन उसने किसी भी सैटेलाइट को हिट नहीं किया। इस एस्टेरॉयड के बारे में 28 जनवरी 2023 तक न नासा को पता था। न ही किसी अन्य वैज्ञानिक संस्थान को।
एस्टेरॉयड की गति सुनकर चकित हो गए वैज्ञानिक !
क्रीमिया में मौजूद मार्गो ऑब्जरवेटरी से एक एमेच्योर एस्ट्रोनॉमर जिनाडी बोरिसोव ने इसे सबसे पहले देखा है। इसके बाद जब नासा समेत अन्य संस्थानों के वैज्ञानिकों ने इस एस्टेरॉयड की रास्ते की जानकारी निकाली तो उनके होश उड़ गए। क्योंकि वह धरती के बेहद करीब से होकर आगे निकल चुका था। गति इतनी थी कि जब उसे देखा गया तब वह करीब 3 लाख किलोमीटर से आगे पहुंच गया था। इसके बाद एस्टेरॉयड 2023 BU की जांच के लिए इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन ने माइनर प्लैनेट सेंटर को बोला है। यह सेंटर एस्टेरॉयड्स, उल्कापिंड, धूमकेतु और सैटेलाइट्स की पोजिशन का निर्धारण करती है।