‘जहरीले’ पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो आख़िरकार भारत आ ही गए, जयशंकर ने दूर से ही किया नमस्ते 

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गोवा में 4 और 5 मई को दो दिवसीय शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक चल रही है। आज इस बैठक का दूसरा और अंतिम दिन है। विदेश मंत्री एस जयशंकर की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में कई देशों के विदेश मंत्री शामिल हुए हैं। ऐसे में पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भी दोनों देशों के रिश्‍ते में कड़वाहट के बीच भारत पहुंचे हैं।

गोवा के बेनौलिम में समुद्र के किनारे स्थित ताज एक्सोटिका रिसॉर्ट में यह समारोह आयोजित हुआ। इस दौरान चीनी विदेश मंत्री छिन कांग, रूस के सर्गेई लावरोव, पाकिस्तान के बिलावल भुट्टो जरदारी, उज्बेकिस्तान के बख्तियार सैदोव और एससीओ महासचिव झांग मिंग ने भाग लिया। कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान के विदेश मंत्री भी स्वागत समारोह में शामिल हुए। 

पूरे 12 साल बाद पाकिस्तान का कोई विदेश मंत्री भारत आया है

आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान और भारत के बीच पिछले काफी समय से रिश्ते ख़राब चल रहे हैं। ऐसे में भारत और पाकिस्तान के बीच आना-जाना पूरी तरह से बंद था। लेकिन अब पूरे 12 साल बाद पाकिस्तान का कोई विदेश मंत्री भारत आया है। बिलावल भुट्टो से पहले साल 2011 में हिना रब्बानी खार भारत आई थीं। भले ही बिलावल भुट्टो भले ही भारत आए हो, लेकिन उनके आने से पहले ही भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह स्पष्ट कर दिया था कि पाकिस्तान के साथ किसी भी स्तर की द्विपक्षीय बातचीत नहीं होगी। 

बिलावल मंच की तरफ बढ़े जयशंकर ने दूर से ही हाथ जोड़ लिया

जयशंकर अपनी बात पर अमल भी रहे। जैसे ही बिलावल मंच की तरफ बढ़े जयशंकर ने दूर से ही हाथ जोड़ लिया। इसके बाद बिलावल भी हाथ जोड़ते नजर आए। बिलावल ने इस दौरान संवाददाताओं से कहा कि, ‘‘मैं एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए गोवा पहुंचकर बहुत खुश हूं। मुझे उम्मीद है कि एससीओ सीएफएम की बैठक सफल होगी।” इतना ही नहीं बल्कि अपनी भारत यात्रा पर बिलावल ने ‘सलाम, गोवा भारत से’ शीर्षक के साथ एक ट्वीट भी किया कि, “अस्सलामुअलैकुम, हम शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के लिए गोवा पहुंच गए हैं।”

एससीओ की बैठक में आतंकवाद को रोकने पर सहमति है

इस बैठक में जयशंकर ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना आतंकवाद पर बातें सुना दी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि, ‘अभी भी आतंकवाद का पूरी तरह से खात्मा नहीं हुआ है। हमारा मानना है कि आतंकवाद को सही नहीं ठहराया जा सकता है और इसके हर स्वरूप को रोकने की जरूरत है। आतंकवादियों की फंडिंग करने वालों पर भी रोक लगाने की जरूरत है। सीमा पार आतंकवाद समेत सभी तरह के आतंकवाद को रोकने की जरूरत है। एससीओ की बैठक में आतंकवाद को रोकने पर सहमति है।’ बता दें बिलावल भारत आने से पहले काफी अकड़ में थे। वह अक्सर ही भारत के प्रति अपने जहरीले बोल मुंह से निकाला करते थे। लेकिन आख़िरकार अब उन्हें भारत आना ही पड़ा।

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