नासा की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अब वे अधिक पारदर्शिता के साथ यूएपी (अनआइडेंटीफाइड अनोमैलस फेनोमेना) की जांच करेंगे और इसके लिए उन्होंने बेहतर तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का सहारा लेने की घोषणा की है।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि नासा ने कई यूएपी (अनआइडेंटीफाइड अनोमैलस फेनोमेना) की रिपोर्टें प्राप्त की है, लेकिन उनमें यह कोई सबूत नहीं मिला कि इन घटनाओं के पीछे एलियंस होते हैं। इसके बावजूद, अंतरिक्ष एजेंसी इस संभावना को भी इंकार नहीं कर सकी कि इन अनविशिष्ट घटनाओं का कारण क्या हो सकता है।
नासा की रिपोर्ट और उसमें कहे गए खुलासे के बावजूद, अब तक किसी भी विज्ञानिक साक्षात्कार से स्पष्ट रूप से यह सिद्ध नहीं हो सका है कि एलियंस या अस्पष्टीकृत घटनाओं के पीछे कोई बाहरी स्रोत हैं। नासा ने यूएपी घटनाओं की जांच के लिए बेहतर तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का सहारा लेने का फैसला किया है, लेकिन इससे यह सिद्ध नहीं होता कि ऐसे घटनाओं के पीछे अलौकिक जीवन की सच्चाई है।
नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने बताया है कि वे डेटा को पारदर्शिता के साथ साझा करने का इरादा रखते हैं, जिससे वैज्ञानिकों को और अधिक जानकारी मिल सके और उन्हें यूएपी घटनाओं का समझने में मदद मिल सके।
इससे साफ होता है कि यूएपी घटनाओं के बारे में वैज्ञानिकों के बीच अभी भी विवाद है और इस पर सटीक रूप से कोई समझौता नहीं हुआ है। नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों की यह कोशिशें हमारे विज्ञानिक ज्ञान को बढ़ाने और समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन अब तक कोई पुष्टि नहीं हो सकी है कि एलियंस या अस्पष्टीकृत घटनाओं का अस्तित्व है।