भारत सरकार की लगी लॉटरी मिल 5.9 टन लिथियम:- भारत दुनिया के बिकसित देशों की श्रेणी में पंहुच चुका है। जब साल 2014 में नारेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने थे। तब से देश के अंदर एक के बाद एक कई बड़े प्राॅजेक्ट के ऊपर काम होता चला आ रहा है। इसी बीच भारत के जम्मू कश्मीर में एक बड़ी उपलब्धी हाथ लगी है। दरअसल, भारतीय खनन मंत्रालय कि ओर से बताया गया है कि जम्मू कश्मीर में बड़े लिथियम भंडार की खोज हुई है। हलांकि इसकी खोज भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण यानी जीएसआई ने पहली बार जम्मू कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना क्षेत्र में 5.9 मिलियन टन के लिथियम भंडार का पता लगाया है, जो दुनिया का सातवां सबसे बड़ा लिथियम भंडार है। भारत से आगे बोलिविया,अर्जेंटीना, अमेरिका, चिली, ऑस्ट्रेलिया और चीन हैं।
लिथियम का उपयोग चार्जेबल बैटरी बनाने में किया जाता है
लिथियम एक धातु है। जिसका इस्तेमाल मोबाइल-लैपटॉप, इलेक्ट्रिक व्हीकल समेत कई आइटम्स के लिए चार्जेबल बैटरी बनाने में किया जाता है। आपको तो पता होगा ही कि, मोदी सरकार पब्लिक और प्राइवेट ट्रांसपोर्ट दोनों क्षेत्र में इलेक्ट्रिक व्हीकल पर जोर दे रही है। खास तौर पर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और बेंगलुरु जैसे प्रमुख शहरों को अधिक से अधिक इलेक्ट्रिक व्हीकल पर निर्भर बनाने की योजना है। इसके लिए लिथियम भंडार का होना बहुत जरूरी है। हलांकि वर्तमान समय में भारत लिथियम का आयात चीन और हांगकांग से करता है। साल दर साल आयात की मात्रा और रकम में जबरदस्त इजाफा हो रहा है। आंकड़ों के मुताबिक भारत 80 फीसदी तक लिथियम का चीन से आयात करता है। इलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर देने के बाद से भारत लिथियम आयात करने के मामले में दुनिया में चौथे नंबर पर रहा है। अब ऐसे में भारत के लिए इतनी बड़ी मात्रा में लिथियम का मिलाना कोई क्रांति से कम नहीं है। लेकिन अब भारत सरकार जम्मू के रियासी जिले में मिले लिथियम के बड़े भंडार की जल्द ही नीलामी करने जा रही है।
शर्त के साथ सरकार करेगी लिथियम भंडार की निलामी
लेकिन इसकी टाइमिंग अप्रैल या जून माह में तय कि गई है। इसके लिए जल्द ही सरकार बोलियां आमंत्रित करेगी। नीलामी को लेकर सरकार की योजना है कि ये आमतौर पर अपनाई जाने वाली नीलामी प्रक्रिया की तरह सभी के लिए ओपन रहेगी। इसमें कोई भी बोली लगा सकता है। हालांकि बोली जीतने वाले को लिथियम का इस्तेमाल भारत में ही करना होगा। लेकिन फिलहाल भारत में लिथियम रिफाइनिंग की प्रक्रिया मौजूद नहीं है। ऐसे में इस भंडार से लिथियम निकालना भी एक चुनौती होगी। फिलहाल चीन में एक टन लिथियम की कीमत करीब 51,19,375 रुपये है, जबकि भारत में जो खजाना मिला है, उसमें 59 लाख टन लिथियम मिलने की संभावना है। इस हिसाब से उसकी कीमत करीब 3000 अरब रुपये आंकी गई है।