उत्तरप्रदेश का माफिया अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ अहमद तो एनकाउंटर में मारे गए, लेकिन उनसे जुड़ी नई-नई हैरान कर देने वाली जानकारियां रोजाना सामने आ रही हैं। हाल ही में अतीक और अशरफ का पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई से कनेक्शन पर सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। दोनों भाई मिलकर ISI की मदद करते था। उनके एक लेटर की तस्वीर भी वायरल हो रही है, जिससे यह साफ़ होता है कि अतीक और अशरफ का ISI से कनेक्शन था।

अतीक के भाई अशरफ ने आतंकी जीशान कमर की पासपोर्ट बनवाने में मदद किया था।
अतीक के भाई अशरफ ने आतंकी जीशान कमर की पासपोर्ट बनवाने में मदद किया था। इसके लिए अशरफ ने जिला पासपोर्ट अधिकारी को पत्र भी लिखा था। अल 2017 में अशरफ ने उस पत्र में लिखा था कि, ”जीशान कमर प्रयागराज के करेली का रहने वाला है। वह पिछले कई साल से मेरे यहां काम करता है। जीशान कमर के साथ मेरा घर जैसे ताल्लुक हैं। इसलिए जल्द से जल्द जीशान कमर का पासपोर्ट पूरा करवाएं। इन्हें अपने काम के सिलसिले में विदेश की यात्रा करनी है।” बता दें साल 2021 में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने प्रयागराज के करेली से आतंकी जीशान कमर को गिरफ्तार किया था। वह ऑनलाइन खजूर बेचने के बहाने आतंकी गतिविधियों को संचालित कर रहा था।

अतीक ने पाकिस्तान से हथियार खरीदने की बात भी कहा था।
सूत्रों के मुताबिक, जीशान पाकिस्तान से हथियार चलाने की ट्रेनिंग लेकर आया था। वह प्रयागराज में रहकर आतंकी गतिविधियों को संचालित कर रहा था। वह पाकिस्तान से अपने साथ हथियार भी लाया था, जिसे उसने नैनी स्थित पोल्ट्री फॉर्म में छिपा दिया था। वह अपने कुछ साथियों के साथ लखनऊ के रास्ते हथियारों को प्रयागराज ले आया था। गौरतलब है कि अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ ने हत्या से पहले प्रयागराज पुलिस की पूछताछ के दौरान आईएसआई से अपने संबंध की बात भी स्वीकार की थी। साथ ही अतीक ने पाकिस्तान से हथियार खरीदने की बात भी कही थी। फिलहाल पुलिस की टीम अतीक और अहमद के ISI कनेक्शन को लेकर जांच कर रही है।
कॉल्विन अस्पताल के बाहर अतीक अहमद और उसके भाई अजीम उर्फ अशरफ की हत्या कर दी गई थी।

गौरतलब है कि 15 अप्रैल को ही प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल के बाहर अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की हत्या कर दी गई थी। दोनों भाई को उमेश पाल हत्याकांड के बारे में पूछताछ के लिए प्रयागराज लाया गया था। फिर पुलिस उन्हें मेडिकल जांच के लिए कॉल्विन अस्पताल लाई थी। अस्पताल से बाहर आते ही कुछ लोगों ने नकली पत्रकार बनकर उनपर गोलियां चला दी और दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।