गृह मंत्रालय ने दिया CRPF को खास जैकेट:- बुलेट प्रूफ जैकेट के बारे में आप सब को तो पता ही होगा। ये हमारें देश के शोलजर और जवानों के लिए सबसे अहम हथियार है, क्योंकि बुलेट प्रूफ जैकेट की खास बात ये होती है कि इसमें से गोली पार नहीं होती है। जिसके बजह से ये शोलजर अंतकवादियों से लड़ने में और सक्षम हो जाते है और अंतकवादियों को धूल चटा देते है। इसी निगरानी को देखते हुए अब भारत के गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ को 40,000 बुलेट प्रूफ जैकेट दे दिए है। जोकि सीआरपीएफ जवान को चरणबद्ध तरीके से ये बुलेट प्रूफ जैकेट दिया जा रहा है। पिछले कई सालों से सीआरपीएफ को उच्च स्तरीय मानक BIS-5 और BIS-6 के बुलेट प्रूफ जैकेट की आवश्यकता थी, जो वजन में हल्के हों और जवानों को ड्यूटी के दौरान उसे पहनने में किसी भी तरीके की दिक्कत ना हो।
क्या है इस बुलेट प्रूफ जैकेट की खशियत
वहीं इस बुलेट प्रूफ जैकेट का निर्माण मेक इन इंडिया के तहत एसएमपीपी कंपनी में की गई है। हलांकि इस खास बुलेट प्रूफ जैकेट को कुछ इस तरह से बनाया गया है जो अमेरिका के नीज मानक से काफी सख्त होगी। इसकी टेस्टिंग नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के लैब में की गई है। इस जैकेट की सबसे खास बात यह है कि यह बोरान कार्बाईड सिरामिक के सख्त रसायनिक पदार्थ से बनाई गई है, जो वजन में बहुत हल्का होता है। भारत में इससे पहले बुलेट प्रूफ जैकेट, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ जस्टिस अमेरिका के स्टैंडर्ड पर तैयार होती थी। जिनमें बुलेट प्रूफ़ जैकेट की क्षमता 1 लेवल से लेकर 4 लेबल तक रहती थी। पर भारत में जिस मानक की बुलेट प्रूफ जैकेट अब तैयार होंगी, उनका स्टैंडर्ड 1 लेवल से लेकर 6 लेवल तक होगा।
स्टील बुलेट रोकने मे सक्षम
यानी यह बुलेट प्रूफ जैकेट हार्ड कोर स्टील बुलेट को भी झेल पाने में सक्षम है। अगर कोई सैनिक इस बुलेट प्रूफ जैकेट को पहने हुए है और दुश्मन उस पर गोली चलाता है, तो यह जैकेट सैनिक की सुरक्षा करने में सक्षम है। यह बुलेट प्रूफ जैकेट अन्य देशों की जैकेटों की अपेक्षा में हल्की, मजबूत और सख्त हैं। सीआरपीएफ के मुताबिक, पहले के जैकेट का वजन 12 से 15 किलो तक होता था, जो काफी ज्यादा था, पर अब जैकेट हल्की और मजबूत क्वालिटी की होंगी। जिसका वजन 7 से 9 किलो तक का होगा। पुरानी जैकेट में लोहे की प्लेट का इस्तेमाल किया जाता था।
पहनने औरे उतारने मे कंफरटेबल
पर अब दुनिया की सबसे एडवांस बोरान कार्बाइड सिरामिक प्लेट का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसको केवल डायमंड से ही काटा जा सकता है। बताया जाता है कि पहले सैनिको को जैकेट उतारने में काफी दिक्कत होती थी। अब कोई भी जवान इस जैकेट को 10 सेकंड में उतार सकता है और 30 सेकंड में पहन सकता है। बता दे कि पहले बुलेट प्रूफ जैकेट को बनाने में 90 प्रतिशत समान विदेशों से खरीदना पड़ता था, पर मोदी सरकार के आने के बाद से जो बुलेट प्रूफ जैकेट बन रही है उसका 90 प्रतिशत समान मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही बनता है और भारत में ही इस्तेमाल किया जाता है।